
प्रेस विज्ञप्ति
लखनऊ उत्तरप्रदेश
*महिला सशक्तिकरण से तात्पर्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने अधिकार मिलना –अन्नपूर्णा चौरसिया*
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*लखनऊ*। नारी सशक्तिकरण सशक्तिकरण
(empowerment) का शाब्दिक अर्थ है- “शक्ति में होना अथार्त सशक्त होना। ” यह मानना है परास्नातक हिंदी साहित्य,लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्रा अन्नपूर्णा का।
महिला सशक्तिकरण से तात्पर्य ऐसी विचार धारा से है जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, उन्हें आत्मनिर्णयन का अधिकार प्रदान करने, समाज में समता आधारित भागीदारी सुनिश्चित करने का समर्थन करती है।
महिला सशक्तिकरण क्यों आवश्यक है❓-
1- महिलायें समाज की लगभग आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करतीं हैं।
2- लैगिंग समता स्थापित करने के लिए।
3 – महिलाओं का अपर्याप्त प्रतिनिधित्व लोकतंत्र की मूल भावना के विपरीत।
4- समावेशी विकास महिलाओं की भागीदारी के बिना असम्भव।
5- आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के लिए- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार यदि भारत मे महिलाओं को पर्याप्त अवसर प्रदान किये जाये तो भारत की विकास दर27प्रतिशत तक बढ़ सकती है।
नारी सम्मान क्यों आवश्यक? -”
नारी का सम्मान इसलिए होना चाहिए क्योंकि वो भी पुरुष की तरह एक मनुष्य है। ”
महिला सशक्तिकरण के समक्ष चुनौतियां-
1- पुरुष प्रधान समाज।
2- रूढियों परम्पराये जिन्हें धर्म के आधार पर करार देने का प्रयास किया जाता है।
3- राजनीति असंवेदनशीलता।
4- शिक्षा का अभाव।
5- कार्य स्थल पर महिलाओं का यौन शोषण।
6- महिलाओं के लिए पर्याप्त सुरक्षित परिवेश न होना।
सुझाव-
1- प्रारम्भिक शिक्षा तथा उच्च शिक्षा को बढ़ावा देना।
2- वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना।
3- महिलाओं के साथ जुड़े अपराधो का त्वरित निपटारा।
4- कार्य स्थल पर महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण निर्मित करना।
5- लैंगिक समता विरोधी गतिविधियों पर अंकुश।
6- महिलाओं को संसद एवं राज्य विधानमंडल मे एक तिहाई आरक्षण देने वाले लंबित विधेयक को शीघ्र पास किया जाना।
6- महिला सशक्तिकरण की दिशा मे ग्रामीण स्तर पर अधिक ठोस प्रयास करना।
महिला नेतृत्व और विकास-
खेल कूद आंतरिक्ष विज्ञान सभी क्षेत्रों मे महिलाएं हमारी देश की किसी से पीछे नहीं है वो आगे लगातार अपनी उपलब्धियों से देश को गौरवान्वित कर रही है। स्वातन्त्रता के बाद से ही महिलाओं का विकास सरकारी योजनाओं के केन्द्र विषय में रहा है। ये भी कोशिश की गई महिला निर्णय लेने की प्रक्रिया मे शामिल हो और नीति निर्माण के स्तर पर सहभागिता रहे।
नारी सशक्तिकरण एकदिन का पर्व नहीं बल्कि समाज को स्त्रियों के प्रति जागरूक करना अच्छी शिक्षा, अच्छा स्वास्थ्य एवं उनकी सुरक्षा पर ध्यान देने का विषय आज भी जरूरी है। आज भी ग्रामीण महिलायें,गृहणी सम्मान तथा नये सुअवसर से वंछित है हमारा दायित्व बनता है सरकार की योजनाओं के साथ साथ समाज के प्रत्येक व्यक्ति का जागरूक होना अपने आसपास महिलाओं की सुरक्षा का ध्यान रखना।
सरकार ने महिलाओं के लिए कयी योजनाओं को लागू किया जो भारत की महिलाओं की वास्तविक क्षमता को पहचानती है उन्हें सशक्त बनाती है उन्हें भारत की विकास की कहानी मे योगदान देने के लिए मंच प्रदान करतीं हैं जाहिर है मानवता की प्रगति महिलाओं के सशक्तिकरण के बिना अधूरी है।
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